गीत -०४
नेता लूट रहे है देश -अनिल अयान ,सतना
सब कुछ बना विशेष
नेता लूट रहे है देश
संसद जैसे मंदिर को
बना दिया है कोठा
सारे आते पावर वाले
कोई नहीं है छोटा
यारो डूब रहे है शेष
कुछ गीदर भक्ति में
मेरे शहर में आये
राज्यग्य के वेद मंत्र
वो हमको खूब सिखाये
ओढ़े थे संतो का वेश
धर्मग्रन्थ सारे बन गए
अब राजनैतिक हथकंडे
पांच वर्ष इनको लेकर
फिरते संसद के पण्डे
इनपे है कितने ही केश
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