--------------मुक्तक-----------------------------------
अपने साए से डर लगने लगा हमको
नया ख्वाब फिर से जगने लगा हमको
एक दायरे मोहब्बत थी उससे अयान
कोई भ्रम फिर से ठगने लगा हमको
-------------------अनिल अयान------------
अपने साए से डर लगने लगा हमको
नया ख्वाब फिर से जगने लगा हमको
एक दायरे मोहब्बत थी उससे अयान
कोई भ्रम फिर से ठगने लगा हमको
-------------------अनिल अयान------------
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