लफ्ज़-ऐ-अनिल अयान
अनिल अयान की प्रातिनिधि गज़लें
Wednesday, May 16, 2012
वख्त
वख्त के साथ सब बदल जाता है .
न पूछो कौन कब बदल जाता है .
बहुत सिकवा होता है उससे अयान
वो बिन बताये जब बदल जाता है
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