मै अपने दिल की रामकहानी लिखता हूं।
अपनी पलकों से बहता पानी लिखता हूं।
कविता मेरे अंतर्मन की परिभाषा है।
कविता मेरे सपनों की अभिलाषा है।
कविता मेरे संबल का आरोहण है।
इसमे मेरी पराजय का आंदोलन है।
शब्द - शब्द संबंधों की व्यथा कथा।
तिल तिल खपती पीर पुरानी लिखता हूं।
सपनों को हर धड़कन से पोसा मैने।
न मिली पराजय को कभी कोसा मैने।
जो सपने टूटे तो अश्क़ बहे नहीं मेरे।
जो अपने रूठे तो लब कहे नहीं मेरे।
नये नवेले रूप दिखाती जो मुझको
बचपन के संग खाक जवानी लिखता हूँ।
अनिल अयान
अपनी पलकों से बहता पानी लिखता हूं।
कविता मेरे अंतर्मन की परिभाषा है।
कविता मेरे सपनों की अभिलाषा है।
कविता मेरे संबल का आरोहण है।
इसमे मेरी पराजय का आंदोलन है।
शब्द - शब्द संबंधों की व्यथा कथा।
तिल तिल खपती पीर पुरानी लिखता हूं।
सपनों को हर धड़कन से पोसा मैने।
न मिली पराजय को कभी कोसा मैने।
जो सपने टूटे तो अश्क़ बहे नहीं मेरे।
जो अपने रूठे तो लब कहे नहीं मेरे।
नये नवेले रूप दिखाती जो मुझको
बचपन के संग खाक जवानी लिखता हूँ।
अनिल अयान
बहुत ही 👌
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