लफ्ज़-ऐ-अनिल अयान
अनिल अयान की प्रातिनिधि गज़लें
Friday, May 11, 2012
कमजोर रिस्ते
वख्त के साये कुछ घने से है
कुछ हाथ खून मे सने से है
बहुत कमजोर रिस्ते अयान
बडप्पन मे सर तने से है
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment