जब कभी
घर में
पार्टीज
या
फंग्शन
का
आयोजन
होता है।
गिफ्ट्स का
बस
संकलन
होता है।
इसी
बहाने
गिफ्ट्स
के जरिए
सिवाय
माता पिता
के
चाचा मामा
चाची मामी
बुआ मौसी
दादा नाना
दादी नानी
का
मूल्यांकन
होता
है।
ना
जाने
क्यों
इन
विचारों का
मन मे
अंकन
होता
है।
घर में
पार्टीज
या
फंग्शन
का
आयोजन
होता है।
गिफ्ट्स का
बस
संकलन
होता है।
इसी
बहाने
गिफ्ट्स
के जरिए
सिवाय
माता पिता
के
चाचा मामा
चाची मामी
बुआ मौसी
दादा नाना
दादी नानी
का
मूल्यांकन
होता
है।
ना
जाने
क्यों
इन
विचारों का
मन मे
अंकन
होता
है।
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