Saturday, May 19, 2012

गीत -०५ आन्शुओं का महल .... अनिल अयान

गीत -०५ आन्शुओं का महल .... अनिल अयान

आन्शुओं ने गढ़ा ज़िन्दगी का महल
लाख कोशिश करूँ टूटता ही नहीं .
वख्त ने जो छुड़ाया है दामन तेरा
संग चाह कर तेरा छूटता ही नहीं

तुम हो जीवन की अप्रतिम साधना
जिससे जुडती रही मेरी ये भावना
यादों ने दी जो दस्तक मेरे द्वार पे
उन पलों को ये दिल भूलता ही नहीं


तेरे आने से आई थी खुशियाँ भली
सूखने अब लगी है कलि दर कलि
दिल की गहराई में समुन्दर यहाँ
दुःख की आह्टो से सूखता ही नहीं 


उसका चेहरा छिपा  मेरे दिल में अब
मेरी चाहत का है वाही एक सबब
दिल की तन्हाइयों से तुम जो मिली
तुमसे मिल कर कभी रूठता ही नहीं

Friday, May 18, 2012

गीत -०४ नेता लूट रहे है देश -अनिल अयान ,सतना



गीत -०४
नेता लूट रहे है देश                      -अनिल अयान ,सतना

सब कुछ बना विशेष
नेता लूट रहे है देश

संसद जैसे मंदिर को
बना दिया है कोठा
सारे आते पावर वाले
कोई नहीं है छोटा
यारो डूब रहे है शेष

कुछ गीदर भक्ति में
मेरे शहर में आये
राज्यग्य के वेद मंत्र
वो हमको खूब सिखाये
ओढ़े थे संतो का वेश

धर्मग्रन्थ सारे बन गए
अब राजनैतिक हथकंडे
पांच वर्ष इनको लेकर
फिरते संसद के पण्डे
इनपे है कितने ही केश

गीत -०३ बेरंग हो गए आज बेचारे. अनिल अयान

गीत -०३
बेरंग हो गए आज बेचारे. अनिल अयान


रंग बिछे थे इसी शहर में
बेरंग हो गए आज बेचारे.
कीमत नहीं समझता कोई
ये फिरने लगे है मारेमारे

कहाँ गयी गाँवों की गलिया
जिसमे कभी रंग उड़ते थे.
कहा गया वो अल्हड़पन
जिसमे हम हुर्दंग करते थे .
नजाने क्यों शांत हो गए
आस पास के बचपन सारे.

जो कुटिया में सहमा बैठा
रंगों को क्या अपनाएगा
भूखा है जो चार दिनों से
वो कैसे फाग सुनाएगा
चलो चले अब उनके घर में
जहाँ दुखों ने पैर पसारे

बिछड़ गए बचपन के दोस्त
अब हम कैसे खेले होली
दूर हो गए देवर भाभी
सपनों में खोजे हमजोली
आज मिलन ये कहता यारो
आ खुशियों की रंग लगा रे




गीत :०२ ज़िन्दगी की डगर

गीत :०२

ज़िन्दगी की डगर


ज़िन्दगी की डगर है मायूस अब
सभी कसमकस में जिए जा रहे
बेबसी ने लगाये है पहरे यहाँ
सब खुशियाँ गम में पिए जा रहे


कही है यादों की परछाइयाँ
कही है रिश्तों में रुस्वाइयाँ
हर पल ही बढती रही दूरियाँ
कैसे साहिल में कसती लिए जा रहे.



बदलने लगे है यहाँ मायने
प्रतिबिम्ब झूठे है या आइनें
आचरण जो मर गए है यहाँ
आवरण की दुहाई दिए जा रहे



सद्भाव से है नहीं कोई वास्ता
कोहरे में छिपा है यहाँ रास्ता
किसी ने न ली खबर भी हमारी
हरे जख्मो को सिर्फ सिये जा रहे.

अनिल अयान, सतना

Wednesday, May 16, 2012

वख्त

वख्त के साथ सब बदल जाता है .
न पूछो कौन कब बदल जाता है .
बहुत सिकवा होता है उससे अयान
वो बिन बताये जब बदल जाता है

Monday, May 14, 2012

गीत -२ हम कितने वनवास जिए

गीत -२

हम कितने वनवास जिए ......

यह न पूछो हमसे यारो,
यहाँ किसने घाव दिए.
फटी हुयी ज़िन्दगी की पुस्तक
हम जिल्द नहीं सिये.


बोझ हो गए रिश्ते नाते
कैसी कैसी होती बाते
संबंधो के वृन्दावन में
नहीं हुयी कब से बरसातें
इन सांसो की खातिर यारो
लबो ने अमृत नही पिए


पीर फ़कीर और वजीर
कैसे हो गए ये सब तीर
बदली हुयी फिजा यहां
इन पैरो में है जंजीर
कैसे कह दे इस जीवन में
हम कितने वनवास जिए..

अनिल अयान..

Sunday, May 13, 2012

गीत ०१ प्यार तूफां में नाविक की पतवार है.......

गीत ०१
प्यार तूफां में नाविक की पतवार है.......


एक तरफ प्यार है तुमको हमसे अभी
और कहते हो ये नफरत का व्यापार है.
प्यार की एक कहानी तुम अधूरी रखे
और कहते हो नफरत से संसार है.

प्यार को प्यार से तुम न बांटो कभी
प्यार को नफरतो से तुम न काटो कभी
तुम न जानो कभी प्यार होता है क्या
प्यार तूफां में नाविक की पतवार है

वख्त के संग तुम भी बदलते रहे.
ठोकरों से यहाँ पर सम्हलते रहे.
प्यार का घूँट पि कर हो जिन्दा यहाँ
दे रहे इसको गाली तुम्हे धिक्कार है

प्यार से ही यहाँ ज़िन्दगी चल रही
सूर्य भी उग रहा शाम भी ढल रही
अर्श से फर्श तक प्यार करते है सब
प्यार में सभी का यहाँ अधिकार है.


अनिल अयान

Saturday, May 12, 2012

सभ्यता

सभ्यता का जो हमको प्रमाण देते है
वो दुश्मनों को ही सदा सम्मान देते है.
साथ चलते है हमेशा हमारे संग अयान
और हमारे पीछे से बन्दूखे तान देते है....
अनिल अयान



Friday, May 11, 2012

भ्रम

--------------मुक्तक-----------​------------------------
अपने साए से डर लगने लगा हमको
नया ख्वाब फिर से जगने लगा हमको
एक दायरे मोहब्बत थी उससे अयान
कोई भ्रम फिर से ठगने लगा हमको
-------------------अनिल अयान-------
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हलचल

कितनी हसरत है दिल कि दास्ताँ लिख दूँ,
अपने अधूरे से सफर मे एक मकाँ लिख दूँ.
कोई छू ले अयान मेरे ठहरे हुए समुंदर को.
ऊठी हलचल को मै एक बार जवाँ लिख दूँ.

अ‍ॅजब शक्स है जो मेरे इश्क का इलाज करता है.
ऊसे मोहब्बत कब से थी और इजहार आज करता है.
आज वो बहुत दूर रहता है मेरे घर से इस शहर मे
लेकिन अयान आज वो ही दिल पे हमेशा राज करता.

इजहार

तंग राहेँ और उलझा हुआ सफर है.
तूफानो मे शामिल अजीब एक हुनर है.
फ़िर से कोई सलाम नही आया बुलंदी से
वीरानियो से लिपटा अजीब सा शहर है.

एक नयी मुलाकात का इंतजार कर रहा हूँ मै.
कुछ नुकीले तीर जिगर के पार कर रहा हूँ मै.
प्यार करता हू आज भी बेहद उससे मै अयान
मोहब्बत का खुले आम इजहार कर रहा हूँ मै.

कमजोर रिस्ते

वख्त के साये कुछ घने से है
कुछ हाथ खून मे सने से है
बहुत कमजोर रिस्ते अयान
बडप्पन मे सर तने से है

Wednesday, May 9, 2012

chalo chale us paar....

ab chalo chale us paar.....

     toofaa me navik aur patwar..


SAB KAHTE HAI DOOR TAK ANDHIYARA HAI.
INSANO KO INSAANO NE HI MAARA HAI .
KAISE KAH DE SAB HAI RANGE SIYAAR.
ab chalo chale us paar.....



BADLI HUYI FIZA DIKHAYI DETI HAI.

CHEEKHE HI AB HAME SUNAYI DETI HAI..

YAHA NAHI TUM BAANTO  KOI PYAAR.

ab chalo chale us paar.....



KAB TAK ANDHIYARE KE GULAAM RAHE..
AUR ZINDAGI ME HAMESHA EK SHAM RAHE.

E DUSHMAN  AB TERA TUJHKO AABHAR.

ab chalo chale us paar.....



ANIL AYAAN

Kitne kurbaan ho gaye.

Jab se ham jawaan ho gaye
ham pe vo kurbaan ho gaye

mohabbt ka aisa nasha hua
ham ashko ki khan ho gaye

majbooriyo ka wasta ye tha
ham basuri ki taan ho gaye

chahte to bahut hai the use
per aaj ujde makaan ho gaye

usne rakha nageene ke tarah
ham anil se ayaan ho gaye

Kavita... Kuch paresha sa hu...

Kuch paresha sa hu
jab
mere
dil ko mere
sathi ke dwara
vo samjhane ke koshish
ki jati hai jo
mere samajh ke
pare raha hai
tab
se
mai paresha sa hu
na jane kyo
per
sayad mai use apne se door hote
dekhne ke baad
bhi
khamosh rahna
meri majboori hai
yadi mai juba khola
to vo sathi
hamesha ke lie
mujhe
chhod ker
chali jayegi
jo mai nahi chahta
islie mai paresha sa hu
bahut bahut
jyada

mai persha sa hi



. Bas aur sab hai ise chhod kar
per yahi to mera sab kuch hai
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दुश्मन

फ़कत गिरेबानोँ मे वो हाथ डालते रहे.
जब रहे कानो मे झूठी बात डालते रहे.
रहे तो दोस्त बनकर अयान सबके साथ,
दुश्मनो के संग मिलकर घात डालते रहे.

नाज़ुक याराना

कभी किसी के यकीन को आजमाना नही...
किसी याराना को तुम कभी भुलाना नही...
 रिस्ते की डोर है बहुत ही  नाज़ुक अयान ...
इसमे कोई गाँठ तुम कभी लगाना नही....